PPF Vs SIP: 15 साल में कौन सी स्कीम बनाएगी आपको मालामाल?

निवेश के लिए सही विकल्प चुनना क्यों है महत्वपूर्ण?
निवेश के मामले में हर व्यक्ति की जरूरतें और प्राथमिकताएं अलग होती हैं। कुछ लोग अपने पैसे को सुरक्षित रखना चाहते हैं, जबकि कुछ लोग अधिक रिटर्न पाने के लिए जोखिम उठाने को तैयार रहते हैं। इस ब्लॉग में हम दो लोकप्रिय निवेश विकल्पों – Public Provident Fund (PPF) और Systematic Investment Plan (SIP) की तुलना करेंगे। जानेंगे कि 15 सालों में इनमें से कौन सा विकल्प आपको बेहतर रिटर्न दे सकता है।

PPF और SIP के बीच अंतर: किसके लिए कौन सा बेहतर?

निवेशक मुख्य रूप से दो तरह के होते हैं।
पहले प्रकार के निवेशक वे होते हैं जो अपनी गाढ़ी कमाई को जोखिम से बचाना चाहते हैं और गैर-जोखिम वाले निवेश विकल्पों को पसंद करते हैं। दूसरे प्रकार के निवेशक वे होते हैं जो अधिक रिटर्न के लिए थोड़ा जोखिम उठाने को तैयार रहते हैं।

PPF एक सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न देने वाला विकल्प है, जबकि SIP बाजार से जुड़ा हुआ है, जिसमें जोखिम भी है, लेकिन लंबे समय में अच्छे रिटर्न की संभावना भी होती है। आइए जानते हैं दोनों विकल्पों के फीचर्स।

PPF के फीचर्स और फायदे

  1. मैच्योरिटी पीरियड:
    PPF का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल का होता है। इसके बाद आप इसे 5-5 साल के ब्लॉक में आगे बढ़ा सकते हैं, जिससे आपके निवेश की अवधि बढ़ने पर आपके पैसे में और वृद्धि हो सकती है।
  2. ब्याज दर:
    PPF में वर्तमान में 7.1% की ब्याज दर मिलती है। यह ब्याज कंपाउंडिंग के साथ लागू होता है, जिससे आपकी निवेश राशि तेजी से बढ़ती है।
  3. निवेश सीमा:
    PPF में न्यूनतम ₹500 और अधिकतम ₹1.5 लाख सालाना निवेश कर सकते हैं, जो इसे छोटे निवेशकों के लिए भी आकर्षक बनाता है।
  4. टैक्स लाभ:
    PPF एक EEE (Exempt-Exempt-Exempt) कैटेगरी का निवेश प्रोडक्ट है, जिससे निवेश, ब्याज और मैच्योरिटी राशि तीनों टैक्स-फ्री होते हैं।
  5. सुरक्षा:
    PPF सरकारी बैंकों या पोस्ट ऑफिस में खोला जा सकता है, जिससे निवेश की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।

SIP के फीचर्स और फायदे

  1. मार्केट लिंक्ड रिटर्न:
    SIP में रिटर्न की कोई गारंटी नहीं होती, लेकिन औसतन 12% तक का रिटर्न मिल सकता है, जिससे यह लंबे समय में आकर्षक हो सकता है।
  2. रुपी कॉस्ट एवरेजिंग:
    SIP का एक प्रमुख लाभ रुपी कॉस्ट एवरेजिंग है। बाजार में गिरावट के समय आप कम कीमत पर अधिक यूनिट्स खरीद सकते हैं, जिससे निवेश की औसत लागत कम हो जाती है।
  3. निवेश की लचीलापन:
    SIP में न्यूनतम ₹100 या ₹500 से निवेश शुरू किया जा सकता है और इसकी कोई अधिकतम सीमा नहीं है। आप इसे कभी भी रोक सकते हैं या बंद कर सकते हैं।
  4. कंपाउंडिंग का लाभ:
    SIP में कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है। जितना लंबे समय तक आप निवेश करेंगे, उतना ही अधिक रिटर्न आपको मिल सकता है।

PPF Vs SIP: 15 साल में ₹5000 प्रति माह निवेश पर रिटर्न का कैलकुलेशन

अगर आप PPF और SIP में समान राशि का निवेश करते हैं, तो 15 साल बाद किसमें कितना रिटर्न मिलेगा, इसका विवरण नीचे दिया गया है:

  • PPF में निवेश:
    यदि आप PPF में हर महीने ₹5000 निवेश करते हैं, तो 15 साल में आपका कुल निवेश ₹9,00,000 होगा। 7.1% ब्याज दर से आपको ₹7,27,284 का ब्याज मिलेगा, जिससे कुल राशि ₹16,27,284 होगी।
  • SIP में निवेश:
    SIP में ₹5000 प्रति माह निवेश करने पर 15 साल में आपका कुल निवेश ₹9,00,000 होगा। 12% की औसत रिटर्न से आपको ₹16,22,880 ब्याज मिलेगा, जिससे कुल राशि ₹25,22,880 हो जाएगी।

निष्कर्ष: PPF या SIP, कौन सा विकल्प आपके लिए सही है?

PPF और SIP दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं।
अगर आप सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न चाहते हैं, तो PPF आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है। लेकिन अगर आप ज्यादा रिटर्न के लिए थोड़ा जोखिम उठाने को तैयार हैं, तो SIP एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
आपका निवेश निर्णय आपकी जोखिम लेने की क्षमता, वित्तीय लक्ष्य और निवेश की अवधि पर निर्भर करता है।

 

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