1 फरवरी 2023 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट में सरकार ने 3 लाख रुपये तक की आय पर कर माफ कर दिया है. इससे अधिक आय होने पर यदि 25,000 रुपये तक का टैक्स बनता है तो उसे भी माफ कर दिया जाएगा. यानी कि अब 7 लाख रुपये तक सालाना कमाने वालों को कोई टैक्स नहीं देना होगा. आपकी साल भर की आय पर कुल कितना आयकर बनता है, इसे जानने के लिए आयकर स्लैब की जानकारी आवश्यक है. इस पोस्ट में हम जानेंगे कि आयकर स्लैब 2023-24 क्या है?
पुराना टैक्स स्लैब (Old Tax Slab)
पुराने आयकर स्लैब में 5 लाख रुपये तक की आय पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं देना होता है, साथ ही धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये के निवेश पर टैक्स से छूट मिलती है. इस तरह से देखें तो टैक्सपेयर्स को 6.5 लाख रुपये तक की सालाना आय पर टैक्स से छूट मिल जाती है. इसमे कोई आयकर नहीं देना होता है.
पुराने आयकर रिजीम में आयकर की दर इस प्रकार है:
आय | टैक्स दर |
---|---|
2.5 लाख रुपये तक | शून्य |
2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक | 5% |
5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक | 20% |
10 लाख रुपये से अधिक | 30% |
नया टैक्स स्लैब (New Tax Slab)
भारत में नई कर व्यवस्था 2020-21 के बजट में पेश की गई थी। यह एक सरल कर प्रणाली है जिसमें कम टैक्स दरें और छूट कम हैं। नई कर व्यवस्था वैकल्पिक है, और करदाता पुरानी कर व्यवस्था को जारी रखने का विकल्प चुन सकते हैं यदि वे पसंद करते हैं।
नई आयकर प्रणाली में टैक्स दर को कम रखा गया है. नया आयकर स्लैब पुराने आयकर स्लैब से काफी अलग है, इसमें स्लैब ज्यादा और दर कम हैं. लेकिन ध्यान रखें पुराने आयकर व्यवस्था की तुलना में इसमें कई तरह की छूट और कटौती नहीं मिलती हैं।
कर देयता पर दो अधिभार भी लागू किए जा सकते हैं:
3% अधिभार उन लोगों के लिए जो कर योग्य आय ₹50 लाख से अधिक है
7% अधिभार उन लोगों के लिए जो कर योग्य आय ₹1 करोड़ से अधिक है
नई कर व्यवस्था में ₹50,000 की मानक कटौती भी है जो वेतनभोगी करदाताओं के लिए है। यह कटौती पुरानी कर व्यवस्था के तहत उपलब्ध कटौतियों के अलावा है।
नई कर व्यवस्था उन करदाताओं के लिए एक अच्छा विकल्प है जिनके पास बहुत अधिक छूट या छूट नहीं है। यह उन करदाताओं के लिए भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है जो एक सरल कर प्रणाली चाहते हैं
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए नया आयकर स्लैब इस प्रकार है:
आय | नई दर |
---|---|
0 से 3 लाख रुपये | 0% |
3 लाख रुपये से 6 लाख रुपये तक | 5% |
6 लाख रुपये से 9 लाख रुपये तक | 10% |
9 लाख रुपये से 12 लाख रुपये तक | 15% |
12 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक | 20% |
15 लाख रुपये से अधिक | 30% |
पुराने और नए आयकर रिजीम में अंतर
पुराने आयकर प्रणाली में धारा 80C और 80D के तहत टैक्सपेयर्स टैक्स बचा सकते हैं. लेकिन नई व्यवस्था में इस तरह की कई छूटों को खत्म कर दिया गया है. यही वजह है कि इस नई आयकर प्रणाली को बहुत ही कम लोगों ने अपनाया है.
- वेतनभोगी लोगों को नए आयकर स्लैब से कोई फायदा नहीं
वेतनभोगी लोगों को नए आयकर स्लैब से कोई फायदा नहीं है. उन्हें स्टैंडर्ड डिडक्शन, धारा 80C और धारा 80D के तहत मिलने वाली कर छूट नहीं मिलती है. इस वजह से उन्हें HRA और LTA में छूट का दावा नहीं कर सकते. लेकिन गैर-निवासी लोगों के लिए यह नई व्यवस्था फायदेमंद है. क्योंकि वे लोग धारा 80C और धारा 80D की ज्यादातर छूट का दावा नहीं करते हैं.
- नई आयकर व्यवस्था में आयकर रिटर्न फाइल करना आसान
नई आयकर व्यवस्था में आयकर रिटर्न फाइल करना काफी आसान है. आप घर बैठे खुद कर सकते हैं. जबकि पुराने आयकर स्लैब में आपको कटौती का ध्यान रखना होता था. आपको CA की जरूरत पड़ती थी.
कर दरें: नई कर व्यवस्था में कर दरें पुरानी कर व्यवस्था की तुलना में कम हैं।
कटौती और छूट: नई कर व्यवस्था में पुरानी कर व्यवस्था की तुलना में कम कटौती और छूट हैं।
मानक कटौती: नई कर व्यवस्था में वेतनभोगी करदाताओं के लिए ₹50,000 की मानक कटौती है। पुरानी कर व्यवस्था में कोई मानक कटौती नहीं थी।
अधिभार: नई कर व्यवस्था में ₹50 लाख और ₹1 करोड़ से अधिक कर योग्य आय वाले लोगों के लिए 3% और 7% के अधिभार हैं। पुरानी कर व्यवस्था में कोई अधिभार नहीं थे।
यदि आप नई कर व्यवस्था में स्विच करने पर विचार कर रहे हैं, तो आपको अपनी व्यक्तिगत परिस्थितियों को ध्यान से देखना चाहिए। आपको यह भी तय करना होगा कि क्या नई कर व्यवस्था आपके लिए सही है।
यह भी जाने- बीमा क्या है What is Insurance ?